अभिनव बिंद्रा को ओलिंपिक ऑर्डर से सम्मानित किया जाएगा
भारतीय निशानेबाजी के दिग्गज Abhinav Bindra को 10 अगस्त को पेरिस में आयोजित एक समारोह में ओलिंपिक ऑर्डर से सम्मानित किया जाएगा। इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (IOC) ने यह घोषणा की है। यह सम्मान पाने वाले वे दूसरे भारतीय हैं। इससे पहले, पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को यह पुरस्कार दिया जा चुका है।
IOC अध्यक्ष थॉमस बाच ने Bindra को एक पत्र लिखकर यह जानकारी दी है। पत्र में लिखा गया है, “IOC कार्यकारी बोर्ड ने फैसला किया है कि आपको ओलिंपिक आंदोलन में आपके उल्लेखनीय योगदान के लिए ओलिंपिक ऑर्डर से सम्मानित किया जाएगा।”
Congratulations to @Abhinav_Bindra on being awarded the Olympic Order for outstanding contributions to the Olympic Movement!
His achievement fills us with pride and is truly well-deserved.
His name alone has inspired generations of shooters and Olympians. pic.twitter.com/w8i6Ykr09X
— Dr Mansukh Mandaviya (@mansukhmandviya) July 22, 2024
बाच ने बिंद्रा को पुरस्कार समारोह में भी आमंत्रित किया है। बिंद्रा को यह पुरस्कार दिए जाने पर भारत के खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने खुशी व्यक्त की है।
ओलिंपिक ऑर्डर IOC द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है, जो ओलिंपिक आंदोलन में विशेष योगदान के लिए दिया जाता है।
यह पुरस्कार 1975 में शुरू किया गया था, जब इसे तीन श्रेणियों – स्वर्ण, रजत और कांस्य में दिया जाता था। फिर 1984 में, रजत और कांस्य श्रेणियों को समाप्त कर दिया गया और यह तय किया गया कि यह पुरस्कार भविष्य में स्वर्ण श्रेणी में राष्ट्राध्यक्षों और विशेष योगदान देने वाले व्यक्तियों को दिया जाएगा। IOC ओलिंपिक की मेजबानी करने वाले देश के राष्ट्राध्यक्ष को भी यह पुरस्कार प्रदान करता है।
अब तक, 116 हस्तियों को स्वर्ण ओलिंपिक ऑर्डर मिल चुका है। इनमें केवल एक भारतीय शामिल हैं। बिंद्रा को यह सम्मान ओलिंपिक आंदोलन का समर्थन करने के लिए दिया गया है। वे अभिनव बिंद्रा फाउंडेशन के माध्यम से भारतीय खेलों को बढ़ावा दे रहे हैं।
बिंद्रा से पहले, पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को 1983 में यह पुरस्कार दिया गया था।
बिंद्रा भारत के पहले ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता हैं। उन्होंने 2008 में राइफल शूटिंग में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता था। वे ओलंपिक खेलों में व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं।
यह पुरस्कार बिंद्रा के लिए एक बड़ा सम्मान है और यह उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों का प्रमाण है।
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