इसी साल तैयार होगा पहला ‘मेड इन इंडिया’ सेमीकंडक्टर चिप: Ashwini Vaishnaw

सेमीकंडक्टर
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भारत अपने पहले स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप के उत्पादन की ओर तेजी से बढ़ रहा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को घोषणा की कि देश में निर्मित पहला अर्धचालक चिप इसी वर्ष 2024 के अंत तक बाजार में आ जाएगा।

सेमीकंडक्टर मिशन में बड़ी प्रगति

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री वैष्णव ने बताया कि भारत का सेमीकंडक्टर मिशन अब पूरी गति से आगे बढ़ रहा है। तीन प्रमुख परियोजनाएं – दो सेमीकंडक्टर फैब और एक असेंबली प्लांट – वर्तमान में देश भर में विभिन्न चरणों में हैं।

मंत्री ने कहा, “हमारा पहला ‘मेड इन इंडिया’ चिप इसी साल डिसेम्बर तक तैयार हो जाएगा। यह एक ऐतिहासिक पल होगा जब भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में एक उत्पादक के रूप में उभरेगा।”

प्रमुख परियोजनाओं की स्थिति

  1. माइक्रॉन का प्लांट (गुजरात):
    • अमेरिकी कंपनी माइक्रॉन द्वारा स्थापित किया जा रहा है
    • 2.75 बिलियन डॉलर की लागत
    • चिप पैकेजिंग और टेस्टिंग के लिए
    • डिसेम्बर 2024 तक पहला उत्पादन
  2. टाटा-पावरचिप फैब (डोलेरा, गुजरात):
    • 28nm तकनीक पर आधारित
    • 11 बिलियन डॉलर का निवेश
    • 2026 तक पूर्ण संचालन
  3. टाटा OSAT फैसिलिटी (असम):
    • 3 बिलियन डॉलर की लागत
    • चिप असेंबली और परीक्षण के लिए

भारत की सेमीकंडक्टर महत्वाकांक्षा

वैष्णव ने जोर देकर कहा कि भारत न केवल सेमीकंडक्टर चिप्स का उत्पादन करेगा, बल्कि पूरी वैल्यू चेन विकसित करेगा। इसके लिए:

  • कुशल जनशक्ति विकास: अगले 5 वर्षों में 1 लाख से अधिक इंजीनियरों को प्रशिक्षित करने की योजना
  • रिसर्च एंड डेवलपमेंट: आईआईटी और आईआईएससी के साथ संयुक्त अनुसंधान केंद्र
  • सब्सिडी योजना: सरकार द्वारा 50% तक की वित्तीय सहायता

वैश्विक बाजार में भारत की भूमिका

वर्तमान में, वैश्विक सेमीकंडक्टर बाजार का 90% से अधिक चीन, ताइवान और दक्षिण कोरिया के हाथों में है। भारत की इस पहल से:

  • वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में विविधता आएगी
  • भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बढ़ावा मिलेगा
  • रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी

निवेशकों के लिए अवसर

सरकार ने सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं:

  • उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना
  • डिजाइन लिंक्ड प्रोत्साहन (DLI) योजना
  • विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) में कर रियायत

चुनौतियां और समाधान

हालांकि भारत को इस राह में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है:

  1. तकनीकी विशेषज्ञता की कमी: वैश्विक भागीदारों के साथ ज्ञान साझाकरण से समाधान
  2. जल संकट: फैब्स के लिए जल पुनर्चक्रण प्रणाली विकसित करना
  3. बिजली आपूर्ति: नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान केंद्रित करना

भविष्य की योजनाएं

वैष्णव ने संकेत दिया कि सरकार 2025 तक देश में कम से कम 4-5 नए सेमीकंडक्टर फैब स्थापित करने की योजना बना रही है। इसके अलावा:

  • 2030 तक सेमीकंडक्टर निर्यात 10 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य
  • देश के 25 शहरों में चिप डिजाइन केंद्र स्थापित करना
  • 300+ स्टार्टअप्स को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में सहायता प्रदान करना

भारत का पहला स्वदेशी सेमीकंडक्टर चिप न केवल तकनीकी क्षेत्र में एक मील का पत्थर होगा, बल्कि यह देश की आर्थिक और रणनीतिक सुरक्षा को भी मजबूत करेगा। जैसे-जैसे भारत सेमीकंडक्टर उत्पादन के क्षेत्र में आगे बढ़ेगा, वैश्विक तकनीकी परिदृश्य में देश की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण होती जाएगी।

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