राधा रानी विवाद: माफी मांगने को मजबूर हुए पंडित प्रदीप मिश्रा
कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने राधा रानी को लेकर दिए गए विवादित बयान पर शनिवार को माफी मांग ली है। उन्होंने बरसाना स्थित श्रीजी मंदिर में नाक रगड़कर माफी मांगी और कहा कि “मेरी वाणी से किसी को ठेस पहुंची है, तो उसके लिए मैं माफी मांगता हूं।“
विवाद की वजह:
यह विवाद तब शुरू हुआ जब पंडित प्रदीप मिश्रा ने ओंकारेश्वर में अपने प्रवचन के दौरान राधा रानी को लेकर कुछ विवादित बातें कहीं। उन्होंने कहा था कि “राधा जी के पति का नाम अनय घोष, उनकी सास का नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था। राधा जी का विवाह छाता में हुआ था। राधा जी बरसाना की नहीं, रावल की रहने वाली थीं। बरसाना में तो राधा जी के पिता की कचहरी थी। जहां वह साल भर में एक बार आती थीं।“
ब्रजवासियों का गुस्सा:
पंडित प्रदीप मिश्रा के इस बयान से ब्रजवासियों में भारी रोष व्याप्त हो गया। उनका कहना था कि पंडित मिश्रा ने राधा रानी का अपमान किया है। इस विवाद के बाद मथुरा में 24 जून को एक महापंचायत भी बुलाई गई थी, जिसमें पंडित मिश्रा को 4 दिनों के अंदर माफी मांगने का अल्टीमेटम दिया गया था।
माफी मांगने पर सहानुभूति:
माफी मांगने के बाद पंडित प्रदीप मिश्रा को लोगों की सहानुभूति मिली है। लोगों का कहना है कि उन्होंने अपनी गलती स्वीकार कर ली है और उन्हें माफ कर दिया जाना चाहिए।
धर्मगुरुओं की प्रतिक्रिया:
हालांकि, कुछ धर्मगुरुओं का कहना है कि इस घटना से यह पता चलता है कि संत समाज अभी भी विचारों की भिन्नता को पूरी तरह से स्वीकार नहीं कर पा रहा है। उनका कहना है कि सहिष्णुता सनातन धर्म की प्रकृति है, लेकिन इसे पूरी तरह से विकसित होने में अभी समय लगेगा।
पंडित प्रदीप मिश्रा के इस प्रकरण ने एक बार फिर धार्मिक भावनाओं और विचारों की स्वतंत्रता के बीच की बहस को जन्म दे दिया है। यह घटना समाज के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है कि हमें अपनी बातों को सोच समझकर रखना चाहिए और किसी भी धार्मिक व्यक्ति या समुदाय का अपमान नहीं करना चाहिए।