ब्रिटेन से 100 Ton सोना वापस लाया RBI
RBI ने इंग्लैंड से 100 टन सोना भारत मंगाया है. वैसे तो यह हमारा ही गोल्ड है, जो विदेशी बैंक में जमा रहता है, लेकिन सवाल यह है कि आखिर इतनी बड़ी मात्रा में सोना मंगाया क्यों. इससे पहले 1991 में तत्कालीन सरकार ने देश का 47 टन सोना गिरवी रख दिया था.
आज की तारीख में, मीडिया में एक महत्वपूर्ण खबर प्रकाशित हुई कि भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंक ऑफ इंग्लैंड में जमा अपने 100 टन सोने को वापस भारत मंगवा लिया है। यह कदम कई सवालों को जन्म देता है कि आखिर रिजर्व बैंक को इतनी बड़ी मात्रा में सोना वापस मंगवाने की क्या आवश्यकता पड़ी?
वर्ष 1991 में जब मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे, उस समय देश आर्थिक संकट से गुजर रहा था और रिजर्व बैंक को विदेशी मुद्रा की कमी के चलते 46.91 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड के पास गिरवी रखना पड़ा था। उस समय इस सोने से 400 मिलियन डॉलर की रकम उगाही गई थी।
वर्तमान में रिजर्व बैंक ने 100 टन सोना इसलिए वापस मंगवाया है क्योंकि बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा इस सोने की सुरक्षा और रखरखाव के लिए भारी शुल्क वसूला जाता है। विदेशी बैंक में सोना रखना अत्यधिक खर्चीला हो रहा था। इसलिए लागत कम करने के उद्देश्य से रिजर्व बैंक ने इस कदम को उठाया है।
रिजर्व बैंक देश का सोना विदेशों में दो प्रमुख कारणों से रखता है। पहला, यह वार्षिक रूप से भारी मात्रा में सोना खरीदता है, जिसे ग्लोबल स्तर पर सर्वाधिक सुरक्षित माने जाने वाले बैंक ऑफ इंग्लैंड में जमा कराता है। दूसरा, बैंक ऑफ इंग्लैंड की सोने के संरक्षण में लंबा अनुभव और विशेषज्ञता है।
इस प्रकार, रिजर्व बैंक ने अपने सोने के भंडार को सुरक्षित रखने और खर्च में कमी लाने के उद्देश्य से यह महत्वपूर्ण कदम उठाया है।